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ISKCON की पृष्ठभूमि
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON), जिसे आमतौर पर ‘हारे कृष्ण आंदोलन’ कहा जाता है, की स्थापना 1966 में न्यूयॉर्क में ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। आज दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में ISKCON मंदिर और केंद्र सक्रिय हैं। भारत में इसके प्रमुख केंद्रों में वृंदावन, मायापुर, मुंबई और बैंगलोर शामिल हैं।
अब भोपाल भी इस वैश्विक आध्यात्मिक नेटवर्क का बड़ा हिस्सा बनने जा रहा है।
Bhopal में दो भव्य मंदिरों का निर्माण
भोपाल में इस समय दो ISKCON मंदिरों का निर्माण हो रहा है – एक पटेल नगर में और दूसरा कोलार रोड पर। इन दोनों प्रोजेक्ट्स की कुल लागत लगभग 280 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
पटेल नगर ISKCON मंदिर
- लागत: करीब 80 करोड़ रुपए
- ऊँचाई: 108 फीट
- क्षेत्रफल: 1.51 लाख वर्गफीट
- विशेषताएँ: दो बड़े हॉल (2000+ भक्त एक साथ बैठ सकेंगे), 6000 वर्गफीट का मुख्य हॉल, गोशाला, गुरुकुल, वैदिक थिएटर, फूड कोर्ट और धार्मिक पुस्तकों की लाइब्रेरी।
- डिज़ाइन: इसका डिज़ाइन वही आर्किटेक्ट कर रहे हैं जिन्होंने अयोध्या राम मंदिर का नक्शा तैयार किया था।
- अनुमानित समयसीमा: लगभग 5 साल।
कोलार रोड ISKCON मंदिर
- लागत: करीब 200 करोड़ रुपए
- ऊँचाई: 111 फीट
- विशेषताएँ: आधुनिक पार्क, फाउंटेन और धार्मिक म्यूज़ियम।
- अनुमानित समयसीमा: लगभग 5 साल।
भोपाल के लिए महत्व
दोनों मंदिरों के तैयार होने के बाद भोपाल ISKCON गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन जाएगा। यहाँ न केवल धार्मिक अनुष्ठान होंगे, बल्कि सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम भी होंगे।
इससे:
- शहर की धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) को बढ़ावा मिलेगा।
- भोपाल देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए आध्यात्मिक हब बनेगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि इससे होटल, ट्रांसपोर्ट और लोकल बिज़नेस को नया सहारा मिलेगा।
Source: Dainik Bhaskar (17 अगस्त 2025)